raspberry fruit meaning in hindi : रसभरी फल अक्सर आपके आसपास के खेतो में या सडकों के किनारों पाया जाता हे। रसभरी फल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। रसभरी फल नारंगी रंग और छोटे से टमाटर जैसा दिखाई देता है। raspberry को कहीं-कहीं पर मकोय, काकमाची, भटकोंइया भी कहा जाता है।
रसभरी का पौधा किसानों के लिए काफी नुकसान दायक माना जाता है क्योंकि यह पौधा खरपतवार की तरह उगता है। इसलिए रसभरी का फसलों के उगने के लिए मुश्किल पैदा करता है।
raspberry Health Tips In English दो तरह के होते हैं काली और नारंगी काला फल संतरे के फल से छोटा होता है। इसके पेड़ की लबाई लगभग एक या डेढ़ फुट लंबी होती हैं। रसभरी को विज्ञान में फाइसेलिस पेरयुवियाना के नाम से भी जाना जाता है।
रसभरी क्या है | Raspberry In Hindi
Table of Contents
raspberry का और गुलाब का एक संबंधित पौधा है। यह झाड़ीनुमा पौधा माना जाता है। यह पौधा बहुत ही रसदार और स्वादिष्ट फल होता है इस कारण यह दुनिया में उपयोग करने वाले प्रमुख फलों में शामिल किया जा सकता है। रसभरी आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
रसभरी के फायदे | benefits of Raspberry In Hindi
- रसभरी कैंसर के लिए फायदेमंद माना जाता है
- डायबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है
- वजन को कम करने में
- आँखों के लिए फायदेमंद मानी जाती है
- पाचन तंत्र के लिए
- सूजन या दर्द के के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है
- किडनी के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है
- रसभरी हृदय के लिए फायदेमंद है
- लीवर के लिए
1.रसभरी कैंसर के लिए फायदेमंद माना जाता है

कैंसर एक खतरनाक बीमारी है। इससे बचने के लिए raspberry का सेवन करना चाहिए। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर विरोधी गुण जैसे होते हैं। जो कैंसर के विकास को बनने से रोकता है।
2. डायबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है। रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए रास्पबेरी जामुन बहुत उपयोगी होते हैं। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट डायबिटीज टाइप 2 के लिए एक अच्छा घरेलुउपचार माना जाता है।
3. वजन को कम करने में
raspberry में वजन बढ़ान ने की मात्रा होती है। इससे शरीर में चर्बी की मात्रा नहीं बढ़ती है। यह शरीर के वजन को कम करने में। उनको रसभरी का सेवन करना चाहिए।
4. आँखों के लिए फायदेमंद मानी जाती है
आज के समय में कम सोने और काम अधिक होने की वजह से लोगों को आँखों से जुडी बीमारियाँ हो जाती हैं। आंखों की बीमारी वाले लोगों को raspberry खानी चाहिए क्योंकि रसभरी में विटामिन ए होता है।
5. पाचन तंत्र के लिएता है
आजकल देखा जाता है कि लोगों को अपच की समस्या बहुत होती है लेकिन अब इस समस्या से निजात पाना बहुत आसान है और पाचन क्रिया के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है। अगर आप रोज सुबह raspberry का सेवन करते हैं तो आप अपने पाचन क्रिया को ठीक करने के साथ-साथ पाचन क्रिया को मजबूत कर सकते हैं।
6. सूजन या दर्द के के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है

बहुत से लोगों के शरीर में थकान से या किसी कीड़े के काटने से सूजन आ जाती है। शरीर के अंगों की सूजन को कम करने के लिए रसभरी का उपयोग करना चाहिए। अगर आपके शरीर में दर्द है तो आप raspberry का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप प्रतिदिन रसभरी का सेवन करके सूजन और दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
7. किडनी के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है
जिन लोगों को किडनी से संबंधित समस्याएं होती हैं तो आप raspberry की सब्जी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसकी सब्जी का सेवन करने से किडनी से संबंधित सभी बीमारी ढीक हो जाती है।
8. रसभरी हृदय के लिए फायदेमंद है
बहुत से लोगों का ह्रदय बहुत कमजोर होता है लेकिन आप raspberry की मदद से अपने ह्रदय को मजबूत कर सकते हैं क्योंकि इसमें कुछ फाइटोकेमिकल तत्व होते हैं जो हमारे ह्रदय के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। जो आपकी हृदय गति कम है तो आप raspberry के पंचांग के कढ़क उसको पीकर अपने ह्रदय की गति को ठीक कर सकते हैं।
9. लीवर के लिए
लीवर से जुड़ी समस्या होने पर आप raspberry का इस्तेमाल कर सकते हैं। रसभरी का प्रयोग करने से लीवर से जुडी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। आप रसभरी की सब्जी का सेवन करके भी लीवर से जुडी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
रसभरी का गुण | properties of raspberry In Hindi
raspberry मे पॉलीफेनॉल की अच्छी मात्रा होती है। जो नरम हड्डियों को सुरक्षा देने वाली रसभरी मानी जाती हैं। इसलिए रसभरी हड्डियों को प्रभाव कम कर सकता है। पीला रग रसभरी का नियमित से सेवन करने से जोड़ों को स्वस्थ रखता है।
इसके अलावा लाल raspberry हड्डी के अवशोषण को भी रोकता है। जिसमें हड्डी से कैल्शियम को स्थानांतरित किया जाता है। यह तब होता है जब हड्डियों में कैल्शियम की अपर्याप्त मात्रा होती है।
रसभरी बनाने की विधि | Raspberry recipe In Hindi
- हम raspberry को छांटते हैं जामुन को डंठल से मुक्त करते हैं और उन्हें एक छलनी में स्थानांतरित करते हैं।
- रसभरी को एक गहरे बेसिन में डालें। छेनी का प्रयोग करके छिलका हटा दें और गूदे से रस निचोड़ लें।
- जामुन के साथ कटोरे में जेस्ट और नींबू का रस जोड़ें।
- और ढक्कन के साथ भली भांति बंद करके बंद कर देते हैं।
- हम डिब्बे को उल्टा कर देते हैं और उन्हें दस मिनट के लिए इस स्थिति में छोड़ देते हैं।
- फिर पलट दें और पूरी तरह से ठंडा करें। सर्दियों में हम चाय के लिए खर्च करते हैं।
रसभरी के तत्वों | elements of raspberry
सोडियम | 1.2 मिलीग्राम |
प्रोटीन | 1.5 ग्राम |
फाइबर | 8.0 ग्राम |
विटामिन के | 9.6 mcg |
आयरन | 10.8 मिलीग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 14.7 ग्राम |
मैग्नीशियम | 27.1 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 30.7 mg |
विटामिन ए | 40.6 IU |
पोटेशियम | 186 मिलीग्राम |
कोलेस्ट्रोल | 2 .ग्राम |
रसभरी का पौधा | raspberry plant In Hindi

raspberry क इस पौधे की उचाई लगभग 1 मीटर से 2 मीटर तक होतो है। और रसभरी कांटेदार होता है। इस पौधे में अंडाकर पत्तियां होती हैं जिनका गहरा हरा रंग होता है। और जिनकी पौधे छोटी-छोटी होती है। साथ ही इस पौधे के विभिन्न भाग भी हर्बल दवाओं में उपयोग किया जाता हैं। गर्मीयों के मौसम में raspberry fruit को सुखा कर भी उपयोग किया जा सकता है।
रसभरी की खेती | Raspberry Kheti in hindi
विभिन्न प्रकार के raspberry की खेती कठोरता क्षेत्रों 3 से 1 तक की जा सकती है। रसभरी को पारंपरिक रूप से सर्दियों में सुप्त बेंत के रूप में उगाया किया जाता है हालांकि टिश्यू कल्चर द्वारा उत्पादित कोमल प्लग पौधे अधिक आम हो गए हैं। जहां उचित कली ब्रेक के लिए द्रुतशीतन आवश्यकता प्राप्त की जाती है।
जहां वे जल्दी से फूलते हैं और बहुत शुरुआती मौसम की फसल पैदा करते हैं। पौधे आमतौर पर उपजाऊ अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाए जाता हैं। raspberry को आमतौर पर उठी हुई क्यारियों में लगाया जाता है।
रसभरी के नुकसान | harm of raspbery
- रसभरी का कच्चा सेवन ना करे क्योकि यह कच्चा के शरीर में हानिकर माना जाता है।
- और गर्भवती महिला और स्तनपान करने वाली महिला raspberry का सेवन करना चाहती है। तो पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति को बेरी से त्वचा में एर्लजी होती है तो उन्हें रसभरी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
रसभरी का विडियो | Raspberry of video In Hindi
FAQ
Q: रसभरी फल को संस्कृत में क्या कहते हैं?
A: रसभरी फल को संस्कृत में रसबदरी कहते हैं?
Q: रसभरी की खेती कैसे करेंते है ?
A: सर्वप्रथम रसभरी की पौध तैयार की जाती है जिसके लिए 20 जून से 5 जुलाई तक की अवधि उपयुक्त मानी जाती है। रसभरी की खेती के लिए आवश्यक औसत तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस है, परन्तु 15 डिग्री सैल्सियस से 20 डिगी सैल्सियस तापक्रम में भी सफलतापूर्वक इसकी खेती की जाती सकती है।
Q: raspberry plant क्या काम आता है?
A: रसभरी में पॉलीफिनॉल केरिटिनॉयड्स पाया जाता हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करता हैं। यह आंखों की सभी बीमारियों को ठीक करता है। रसभरी में बड़ी मात्रा में विटामिन ए होता है जो हमारे शरीर के साथ-साथ आँखों को भी ठीक रखता हैं। इसका सेवन हाईब्लड प्रेशर को काम करता हैं।
Q: रसभरी का फल कौन सा होता है?
A: raspberry fruit नारंगी रंग का होता है जो टमाटर जैसा होता है। उन्हें केप गूसबेरी, गोल्डन बेरी, इंका बेरी, ग्राउंड बेरी और रसभरी के नाम से भी जाना जाता है। डायबिटीज के मरीज इसे एक हेल्दी ब्रेकफास्ट या फिर डेजर्ट के रूप में शामिल कर सकता हैं।
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