नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख बवासीर खत्म करने के उपाय इस के बारेमे जाने और बवासीर होने के लक्षण के बारेमे जाने तो आज के लेख में सभी जानकरी देंगे तो लेख को पूरा पढ़े।
bawasir को पाईल्स या फिर हेमोरहोयड्स भी कहा जाता है। बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो बेहद भयानक होती है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर तथा मलाशय के निचले भाग में सूजन हो जाती है। बवासीर की वजह से गुदा के अन्दर और बाहर, या किसी एक स्थान पर मस्से हो जाते हैं।
बवासीर के मस्से कभी अन्दर रहते हैं, तो कभी बाहर की और आ जाते हैं। बवासीर करीबन 60 फीसदी मनुष्यो के उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या होती ही है। बवासीर का सही समय पर पाइल्स का इलाज कराना बेहद ज़रूरी होता है। समय पर बवासीर का इलाज नहीं किया तो बहोत समस्या या तकलीफ होती है।
बवासीर क्या हैं – bawasir Kay He
bawasir ka meaning आमतौर पर पाइल्स के रूप में भी पहचाना जाता है। यह पुरानी कब्ज और टाईट दस्त कि वजह से होता है। जब इन विभागों की दीवारों को विस्तरित किया जाता है। bawasir गुदा और मलाशय के निचले हिस्से में जुडी हुवी नसों की सूजन और जलन महसूस होती है। bawasir के विभिन्न कारण होते हैं।
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बवासीर के प्रकार –

आंतरिक बवासीर
आंतरिक बवासीर आमतौर पर मलाशय के अंदर के हिस्से में पाया जाता है। अक्सर, मुख्य संकेत मलाशय से रक्त बहना होता है।शौच के दौरान तनाव आंतरिक तरीके से धक्का देने से होता है क्योंकि मल गुदा से गुजरता है। यह क्रिया विकृत या लम्बी अवस्था के रूप में पहचाना जाता है और यह क्रिया दर्दनाक बन सकती है।
बाहरी बवासीर:
बाहरी बवासीर आमतौर पर यह गुदा के पीछे-छोर के नजदीकी त्वचा के नीचे देखा जाता है। शौच करते समय दबाव डालना नसों में ज्यादा अधिक दबाव के कारण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।
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बवासीर होने के लक्षण – bawasir ke lakshan
कई बार bawasir यदि गहरी गंभीर अवस्था में ना पहुंचा हो तो यह 4-5 दिनों में अपने आप ही अच्छा हो जाता है। परन्तु bawasir बढ़ने पर bawasir ke lakshan देखे जा सकते हैं। bawasir से गुदा के नजदीकी हिस्से पर कठोर गांठ जैसी अनुभव होता है। इस गांठ से बहोत दर्द होता है। और वह जगह से खून भी निकल सकता है।
- शौच करने के बाद भी पेट साफ ना हेने का अनुभव होता है ।
- शौच करते वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून आता है ।
- शौच करते वक्त बहोत सख्त पीड़ा होती है।
- bawasir की वजह से गुदा के आस-पास खुजली, लालीपन और सूजन हो जाता है।
- शौच करते समय म्यूकस आता है।
bawasir की वजह से बार-बारशौच करने की इच्छा होती है परन्तु शौच करते समय मल नहीं निकलता। bawasir ke lakshan को बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। bawasir ke lakshan दिखाई दे तो जल्द से जल्द डॉक्टर की मुलाकात ले और bawasir ka ilaj कराएं।
बवासीर होने के कारण
आयुर्वेद में bawasir ka meaning अर्श होता है। यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के दूषित के कारण होता है। इस कारण इसे त्रिदोषज रोग भी कहा जाता है। bawasir में वात या कफ की प्रधानता ज्यादा होती है।और अर्श शुष्क होते हैं। इस कारण मांसांकुरों में से स्राव मौजूद नहीं होता है। bawasir अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है
और इसमें आर्द्र अर्श होते है। bawasir में रक्तस्राव होता है और इससे शुष्क अर्श में दर्द ज्यादा होता है। कई व्यक्तियों में bawasir रोग पीढ़ी दर पीढ़ी देखा जाता है, परन्तु कुछ में अन्य कई कारणों से भी होता है कुछ लोगो को अपने रोजगार के कारण से कई समय तक खड़े रहना पड़ता है, जैसे की बस कंडक्टर, ट्रॉफिक पुलिस आदि । और कई लोगो को भारी वजन उठाना पड़ता है। यह व्यक्तिओ को बवासीर से पीड़ित होने की ज्यादा संभावना रहती है।
कब्ज भी एक बवासीर का एक मुख्य कारण माना जाता है। कब्ज में मल सूखा और कठोर होता है, जिस कारण से व्यक्ति को शौच करने में बहोत मुश्किल होता है। इस कारण काफी देर समय तक उकड़ू बैठे रहना पड़ता है। इस कारण से उस स्थान की रक्तवाहिनियों पर ताकत पड़ती है। और उस पर सूजन आ जाती है और फुलकर लटक जाती है और इसे bawasir ke masse कहा जाता है।
- bawasir ke masse ज्यादा तला हुवा और मिर्च -मसाले वाला खाना खाने से होते है।
- bawasir होने से शौच भी ठीक तरह से नहीं कर सकते।
- bawasir ke masse से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन नहीं खाना चाहिए।
- स्त्रीओ में प्रसव के समय गुदा विभाग पर दबाव पड़ने से bawasir होने का खतरा रहता है।
- bawasir ke masse धूम्रपान और शराब का सेवन करने से भी होते है।
बवासीर का इलाज कैसे करें
बवासीर के इलाज बढ़ने की गंभीरता और स्थिति के अनुसार उपचार करने के लिए कई तरह के सर्जिकल और नॉन-सर्जिकल तरीके से इलाज किया जाता हैं।
बवासीर के इलाज के लिए नॉन-सर्जिकल तरीके:
बवासीर के इलाज के लिए व्यायाम करना चाहिए बवासीर के इलाज के उचित आहार का सेवन करना पड़ेगा। बवासीर को रोकने लिए स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करे बवासीर को रोकने लिए वार्म सिट्ज बाथ ले। बवासीर के समय क्रीम, मलहम और सपोसिटरी लगा सकते है।
बवासीर के इलाज के लिए सर्जिकल तरीके:
बवासीर के इलाज के लिए उस क्षेत्र को काटने के लिए स्केलपेल का उपयोग करके bawasir ka upchar किया जाता है। बवासीर धीरे-धीरे उन्हें लगातार दबाव के साथ धक्का देकर इसका इलाज किया जाता है। बवासीर के इलाज के लिए छोटे से चीरा करके इसके साथ रक्तस्राव को रोका जाता है।
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बवासीर के घरेलु नुस्के – bawasir ke gharelu nuskhe
कई लोग बवासीर से बहोत परेशान हो गए है और वह बवासीर से छुटकारा पाना चाहते है तो आप बवासीर से बचने के लिए आप bawasir ke gharelu upay से बच सकते है।
एलोवेरा से बवासीर का घरेलु इलाज :
एलोवेरा से सूजन और चिकित्सकीय गुण तत्वों से बवासीर का दर्द कम हो जाता है। और इससे कब्ज कीपरेशानी नहीं होती। यह आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के पाइल्स के इलाज में फायदेमंद है। गुदा के बाहर भागो के मस्सों पर एलोवेरा जेल लगाएं। एलोवेरा से जलन और खुजली नहीं होती है। एलोवेरा के 200-250 ग्रामखाने से फायदा होता है। एलोवेरा से कब्ज नहीं होगी और शौच करने में कोई समस्या नहीं होती।
सेब का सिरके से bawasir ke gharelu upay :
सेब का सिरका अपने कषाय तत्वों के कारण रक्तवाहिनियों को सिकोड़ने में सहायता करता है। khuni bawasir ka ilaj करने में एकग्लास पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच मिक्स करके दिन में दो बार पिने से फायदा होता है । बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई से भिगोकर गुदा में लगाए। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
बवासीर के इलाज के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करे :
बवासीर के इलाज के लिए जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले तत्व मौजूद होते हैं। यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को ठीक करता है। जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं इससे मस्से ठीक हो जाते है।
नारियल के इस्तेमाल से बवासीर का इलाज :
नारियल की ऊपर की जटाओं को जलाकर राख या भस्मकरदे इसके बाद इसे ताजे मट्ठे में मिक्स करके हररोज सुबह खाली पेट नियमित रूप से इसका सेवन करे।
अंजीर खाने से बवासीर में राहत :
बवासीर के समय में आप इसका इलाज के लिए तीन अंजीर एकग्लास पानी में भिगों दें और इसको सुबह खाली पेट इसका सेवन करे और बचा हुवा पानी को भी पि सकते है।
बवासीर के घरेलू उपचार के लिए जीरे का प्रयोग :
बादी बवासीर में दर्द और दर्द होने पर जीरे के दानों को पानी के साथ पीसकर इसका एक पेस्ट तैयार कर लें और इसे मस्सों वाले स्थान पर लगाएं। khooni bawasir ka ilaj करने के लिए जीरे को पूरी तरह से भूनकर मिश्री के साथ पीस कर पेस्ट तैयार करे । इस पेस्ट को दिन में 2-3 बार 1-2 ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ ले।
नींबू के इस्तेमाल से पाइल्स का घरेलू इलाज :
बवासीर के दर्द को कम करने के लिए नींबू के रस में अदरक और शहद मिक्स करके इसका सेवन करें। इस के सेवन से पाइल्स में फायदा होता है।
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बवासीर की देशी इलाज – bawasir ka desi ila
जीरे का करें इस्तेमाल :
जीरे को का पाउडर बनाकर 2 लीटर छाछ में 50 ग्राम जीरा पाउडर और थोड़ा नमक मिला दीजिये इसके बाद जब भी आपको प्यास लगे तब पानी की जगह इसे पिएं। इसके अलावा 1ग्लास पानी में 1/2 चम्मच जीरा पाउडर मिक्स करके पीने से भी बवासीर का दर्द ठीक हो जाता है।
इसबगोल :
इसबगोल के इस्तेमाल से अनियमित और सख्त मल की समस्या दूर हो जाती है। इसबगोल इसे खाने से पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है और मलत्याग के समय दौरान कोई समस्या नहीं होती।
किशमिश
रात के समय में 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगोकर रख दें और वह किशमिश को सुबह उसे पानी सहित इसका सेवन करे । इसके सेवन से बवासीर की बीमारी दूर हो जाएगी।
एलोवेरा :
एलोवेरा आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के पाइल्स के इलाज में फायदेमंद है। गुदा के बाहर भागो के मस्सों पर एलोवेरा जेल लगाएं। एलोवेरा से जलन और खुजली नहीं होती है। एलोवेरा के 200-250 ग्रामखाने से फायदा होता है। एलोवेरा से कब्ज नहीं होगी और शौच करने में कोई समस्या नहीं होती।
तुलसी के पत्ते :
तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पेस्ट बनाकर उसे लगाने से दर्द कम हो जाता है और पाइल्स के मस्सो के दर्द से राहत मिलती है।
बवासीर का निदान कैसे किया जाता है
यदि आपका कोई बाहरी व्यक्ति होता है तो तुम्हारा विशेषज्ञ मौके को देखकर ही जाँचेक कर सकता है। अंदर के विश्लेषण करने के लिए निरीक्षण और तकनीक आपके बट-केंद्रित ट्रेंच और मलाशय की टेस्ट को भी मिक्स कर सकते है।
कम्प्यूटरीकृत परीक्षण:
बवासीर के कम्प्यूटरीकृत रेक्टल निरीक्षण के समय आपका विशेषज्ञ तुम्हारे मलाशय में ग्लव्ड, मॉइस्चराइज्ड उंगली को एम्बेड करता है। रोगी को कुछ भी रोचक यानी की घक्रिया के लिए अनुभव करने के लिए ऐसा किया जाता है। यह निरीक्षण किसी अन्य निरिक्षण के लिए विशेषज्ञ की मंजूरी भी कर सकता है।
दृश्य समीक्षा:
बवासीर के कारण गुदा परीक्षण के समय आंतरिक लोगों को आमतौर पर अनुभव करना कठिन हो जाता है। आपका विशेषज्ञ इसी तरह एक प्रोक्टोस्कोप और कुंडली के साथ आपके मलाशय और बृहदान्त्र के अंतिम क्षेत्र को देखता है। आपके विशेषज्ञ को आपके पूरे बृहदान्त्र को कोलोनोस्कोपी के उपयोग से देखने की पूरी तरह से जरुरत होती है।
बवासीर मस्से दूर करने की दवाइया
बवासीर को दूर करने के लिए कई सारी डॉक्टरों ध्वारा bawasir medicine बनाई गई है।
- बवासीर मस्से दूर करने के इलाज के लिए डॉक्टरों के माध्यम द्वार निर्धारित कई दवाइया उपलब्ध हैं।
- डॉक्टर बटलर: यह दवा जलन, खुजली, रक्तस्राव को कम करने में मसहायता करती है।
- थेना नेचुरल वेलनेस: इस दवा का उपयोग करके सिट्ज स्नान किया जाता है।
- हेम नियंत्रण कैप्सूल: यह दवा क्रीम, मलहम या अन्य उपचार का एक इलाज का विकल्प है।
- ट्रोनोलेन हेमोर्रोइड्स क्रिम: यह दवा बवासीर को अच्छा करने और दर्द, खुजली और दर्द को कम करने के लिए सहायक होता है।
- मदरलव ओरगेनिक र्होइड बाम: यह दवा गर्भवती स्त्रीओ के लिए मरहम के रूप में एक विशेष उपयोगी बनती है।
- डोनट टेलबोन कुशन: यह दवा कुशन विशेष रूप से बवासीर से पीड़ित दर्दीओके के लिए इसे बनाया गया है।
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Questions
1. बवासीर क्यों हो जाता है?
कारण क्या हैं – कब्ज बवासीर का सबसे बड़ा कारण है। कब्ज के कारण अक्सर मल त्याग पर खिंचाव होता है और इससे कब्ज की शिकायत होती है। – जिन लोगों को लंबे समय तक खड़े रहना पड़ता है उन्हें पिलर की समस्या हो सकती है। – गुदा मैथुन से पेल्विक समस्याएं भी हो सकती हैं।
2. बवासीर का इलाज कैसे करें?
बवासीर के इलाज के लिए जैतून के तेल का उपयोग जैतून के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह रक्त वाहिकाओं में सूजन को कम करता है। अंधे बवासीर के मस्से पर जैतून का तेल लगाएं।
3. हल्दी के साथ बवासीर का इलाज कैसे करें?
गले की समस्या होने पर एक चम्मच हल्दी को थोड़े से घी में मिलाकर मिश्रण बना लें। इसे नियमित रूप से अपनी गुदा या अपने श्रोणि पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आपकी बवासीर गायब हो जाएगी
Disclaimer
तो फ़्रेन्ड उम्मीद करता हु की हमारा यह लेख बवासीर खत्म करने के उपाय आप को जरूर पसंद आया होगा तो दोस्त इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमरे साथ जुड़े रहिये और आपके मनमे कोई भी प्रश्न हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताये