नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख Vitamins के फायदे और नुकशान के बारे में जाने आज के लेख में सभी जानकरी देंगे तो लेख को पूरा पढ़े।
विटामिन एक बहुत आवश्यक तत्व है। मनुष्य के खाने में निम्न तत्वों का होना जरूरी है। जैसे की प्रोटीन “कार्बोहाइड्रेट” बसा, खनिज पदार्थ, Vitamins, तथा जल। यह सारे तत्व “मनुष्य” को दिन-प्रतिदिन के खाद्य में पाए जाते हैं। Vitamins की प्रतिदिन की आवश्यक मात्रा अच्छे भोजन से मिलती है। वर्तमान समय में Vitamins के संबंध में अच्छी जानकारी मिल सकी है।
कोनसे खाद्य पदार्थों में कोनसे Vitamin हैं। इस जानकारी के अलावा Vitamins के संश्लेषण क्रिया अनुसार उत्पादन आदि से भीपूरी जानकारी मिल सकी है। वर्तमान समय में इनकी रासायणीक रूपरेखा भी अच्छी तरह जाना गया है। इनका, अन्य रासायणीक तत्वों के सदृश “मनुष्य” की चिकित्सा में, व्यवहार भी किया जाने लगा है।
शरीर में पूर्ण Vitamin की अवस्था में इनका व्यवहार जादू जैसा काम करता है और मनुष्य शीघ्र ही लाभ अनुभव करने लगता है। और Vitamin की अल्प कमी के समय में Vitamin हीनता के कई लक्षण जान पड़ता है। मनुष्य को Vitamins की प्रतिदिन की आवश्यकता की जानकारी पूरी तरह हो गई है।
विटमिन के प्रकार – Types of vitamins

विटामिन-a :
Vitamin – a यकृत में जमा होता है और यह Vitamins रतौंधी और कैंसर को दूर करनेमे में बहोत मदद करता है। Vitamins a गर्भावस्थाऔर स्तनपान अवस्था के समय में सबसे आवश्यक होता है. तथा बुढ़ापे के प्रभावों को कम करने में भी सहायक बनता है। Vitamins a मुख्य स्रोतों में शकरकंद, शलजम के पौधे, गाजर, पालक, आम, तरबूज, पपीता, खुबानी, संतरा आदि चीजों में पाया जाता हैं।
थियामिन या विटामिन b -1
Vitamin- b साबुत अनाजोंऔर सूखे मेवों,काली सेम में मिलने वाला यह Vitamins आंखे और मांसपेशियों की कार्यप्रणाली को सामान्य रखता है और थकान कम करने में मददगार रहता है। Vitamin- b बुढ़ापे और मद्यपान के खराब प्रभावों को नस्ट करने में भी मददगार रहता है।
यह बेरीबेरी को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को चलने, झुनझुनी, उत्तेजना की हानि, निचले पैरों के पक्षाघात, मस्तिष्क के कार्यों में गिरावट, पेट में दर्द, मतली, उल्टी, हृदय गति में वृद्धि और निचले पैर की सूजन में कठिनाई होती है।
थियामिन या विटामिन b -1 के फायदे :
- इस Vitamin सम्बंधि समस्याएं जैसे की दस्त और असमय पर भूख लगना पाचन समस्याओ में सहायक रहता है।
- यह Vitamin रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाता है।
- यह Vitamin ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं में सहायक रहता है।
- यह Vitamin बेरीबेरी को काबू करने में सहायता करता है।
थियामिन या विटामिन b -1 महत्व :
- थियामिन या Vitamin- b यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास करने में मदद करता है।
- Vitamin- b स्वस्थ हृदय क्रियाओं में भी हेल्प करता है।
थियामिन या विटामिन b -1 कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- Vitamins b -1 गोभी ,टमाटर ,प्याज ,पालक ,पत्ता गोभी,बैंगन ,मशरूम जैसी सब्जियों में से मिलता है।
- Vitamins b -1 संतरा ,रास्पबेरी ,अनानास ,लीची ,काले शतूत जैसे फलो में से मिलता है।
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विटमिन क्या है – What is vitamin
विटमिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर की सामान्य परिवर्तन से लेकर सामान्य शारीरिक क्रिया की प्रणालीयो के लिए आवश्यक हो गया है।
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2
सामान्य कोशिका मेंमदद में यह Vitamins रक्त और आंखो की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इसकी प्रचुर मात्रा सोयाबीन, बादाम और गेहूँ के साथ अन्य कई अनाजों में इसे पाया जाता है।
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 के फायदे :
- विटामिन b -2 माइग्रेन को रोकने में सहायक रहता है।
- विटामिन b -2 कॉर्नियल एक्टैसिस में सहायता करता है।
- विटामिन b -2 गर्भवती महिला में बच्चे की मांसपेशियों अवं तंत्रिका के विकास के लिए जरुरी है।
- विटामिन b -2 बच्चे के मस्तिष्क के विकास करने में मदद करता है।
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 कमी से कोनसे रोग होते है :
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 कमी से से त्वचा का फटना, आंखों का लाल होना जैसे रोग होते है।
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 मशरूम ,पालक ,बोक चोय ,शिमला मिर्च ,ब्रोकोली जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
राइबोफ़्लेविन या विटामिन b -2 केला ,सेब ,जामुन ,रहिला जैसे फलो में पाया जाता है।
नियासिन या विटामिन b -3 –
नियासिन हानिप्रद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने, लाभप्रद कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाने में सहायक नियासिन कद्दू और इसके बीजों, सोयाबीन, मूँगफली, कई फलियों, धान्य में इसे पाया जाता है।
नियासिन या विटामिन b -3 के फायदे :
- Vitamin – b पाचन तंत्र के कई सामान्य कामकाज में मदद करता है और भूख लगने में मदद करता है।
- Vitamin – b स्वस्थ त्वचा में हेल्प करता है और सूरज की किरणों से त्वचा की सहायक रहता है। इसका उपयोग एंटी एजिंग क्रीम में इस्तेमाल किया जाता है।
- Vitamin – b सूजन को कम करता है Vitamin – b गठिया जैसे विभिन्न आर्थोपेडिक स्थिति में सहायता करता है।
- Vitamin – b अवसाद और चिंता में सहायता करता है।
नियासिन या विटामिन b -3 कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- Vitamin – b 3 आलू ,मटर ,मक्का ,मशरूम ,कद्दू जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
- विटामिन b 3 एवोकाड़ो ,संतरा ,आड़ू ,चकोतरा जैसे फलो में पाया जाता है।
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पेण्टोथेनिक अम्ल या विटामिन b – 5
पेण्टोथेनिक अम्ल दलहनों और विभिन्नतरकारी सब्जियों में पाया जाने वाला यह Vitamin लालरक्त कोषिकाओं अवं पाचन-तन्त्र के सुचारु कार्य-व्यवहार के लिये आवश्यक माना जाता है।
पेण्टोथेनिक अम्ल या विटामिन b – 5 के फायदे :
- Vitamin – b 5 एलर्जी में सहायता करते हैं।
- विटामिन b 5 रूसी का इलाज करने में सहायता करता है।
- विटामिन b 5 प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में म सहायता करता है।
- विटामिन b 5 अनिद्रा के इलाज में सहायता करता है।
पेण्टोथेनिक अम्ल या विटामिन b – 5 की कमी से कोन सी बीमारिया होते है :
पेण्टोथेनिक अम्ल या विटामिन b – 5 की कमी से बाल सफेद होना और मंदबुद्धि होने जैसी बीमारिया होती है।
पेण्टोथेनिक अम्ल या विटामिन b – 5 कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- Vitamin – b 5 मशरूम ,शकरकंद ,गोभी ,ब्रोकोली जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
- विटामिन b 5 एवोकाड़ो फल में पाया जाता है।
बायोटिन या विटॅमिन- h :
बायोटिन जल विलयशील यह Vitamin बी\बालो को जड़ने से और त्वचा को ख़राब होने से बचाता है। बायोटिन केला, मश्रूम, सोयाबीन और अनाजों में काफी मिलता है।
पायरिडाक्सिन या विटामिन b -6
पायरिडाक्सिन अवसाद को दूर रखने में हीमोग्लोबिन उत्पादन को बढ़ावा देकर एनीमिया से दूर करने में और आंखो के स्वास्थ्य को बचाये रखने में मददगार यह विटॅमिन आलू, साबुत अनाजों में मिल जाता है। पायरिडाक्सिन या विटामिन b -6 कमी से कोन सी बीमारिया होते है पायरिडाक्सिन या विटामिन b -6 कमी से एनिमिया यानी खून की कमी और त्वचा रोग और किडनी स्टोन जैसी बीमारिया होती है।
पायरिडाक्सिन या विटामिन b -6 कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- विटामिन b -6 शकरकंद ,पालक , गाजर ,काबुली चना जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
- विटामिन b -6 केला ,एवोकाडो ,खुबानी जैसे फलो में पाया जाता है।
विटामिन b -12 या सायनोबेलेमिन –
सायनोबेलेमिन Vitamin दूध, अंकुरित अनाजों में पाए जाता है और Vitamin लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और विभाजन, तन्त्रिका के तन्त्र के लिये आवष्यकमाना जाता है जिसकी कमी होने से हाथ और पैरों में सुन्नपन अवं त्वचा का कलर फीका पड़ जाता है।
विटामिन b -12 या सायनोबेलेमिन के फायदे :
Vitamins b -12 लाल रक्त कोशिकाओं के समुचित विकास में सहायता करता है। बड़ी और अनियमित आकार की लाल रक्त कोशिकाएं Vitamins b -12 की कम मात्रा के कारण बनती हैं जिस कारण मेगालोब्लास्टिक एनीमिया बनता है। सायनोबेलेमिन हड्डियों के सही स्वास्थ्य में सहायता करता है।
सायनोबेलेमिन वयस्कों में उम्र से संबंधित मनोभ्रंश को काबू करने में सहायता करता है। Vitamins b -12 थकान को सुधारने में सहायता करता है। Vitamins b -12 की कमी का सामान्य संकेत थकान होती है।
विटामिन b -12 या सायनोबेलेमिन की कमी से कोन सी बीमारिया होती है :
विटामिन b -12 या सायनोबेलेमिन की कमी से परनीसियस एनिमिया, पांडुरोग और पेचिश जैसे रोग होने की संभावना रहती है।
विटामिन b -12 या सायनोबेलेमिन कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
विटामिन b -12 दृढ़ अनाज ,ख़मीर ,मशरूम, चुकंदर जैसी सब्जियों में पाया जाता है। सायनोबेलेमिन सेब, जामुन ,शंबुक ,जई ,टोफू जैसे फलो में पाया जाता है। Vitamins b -12 अंडा ,बीफ ,समुद्री भोजन ,टूना मछली, सालमन, सुशी, झींगे ,मुर्गी , मेमना ,पनीर- मोज़ेरेला, परमेसन ,दही ,दूध ,अंडे ऐसी चीजों में पाया जाता है।
फ़ालेट :
फलियों, मशरूम और खरबूज में मिल जाने वाला फ़ालेट आनुवंशिक सामग्री के निर्माणऔर सामान्य शारीरिक परिवर्तन में आवश्यक मौलूम जान पड़ता है।
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विटामिन- c
Vitamin – c आँवले जैसे कई खट्टे फलों में जैसे की अमरूद, पपीता, आम, अजवायन, अजमोद में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला Vitamin c सर्दी ,खांसी ,जुकाम जैसी कई बीमारी योसे से दूर रखने में,और स्वस्थ त्वचा, अस्थियों,उपास्थियों के लिये सहायक बनता है।
विटामिन- c के फायदे :
- Vitamin – c एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता रहता है। जो रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ावा देने और अन्य विभिन्न पुराने रोगो से लड़ने में सहायता करता है ।
- Vitamin – c रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्तचाप को बनाए रखने में सहायता करता है।
- Vitamin – c दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायता करता है।
- Vitamin – c आयरन के अवशोषण में सुधार करने में सहायता करता है। इस तरह रक्त के आयरन के स्तर में सुधार होता है।
- Vitamin – c आम सर्दी को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है। इस हिस्से पर अभी भी इसका कार्य चल रहा है।
विटामिन- c कोन से फल और सब्जियों में पाया जाता है :
Vitamin – c ,कुछ जड़ी-बूटियाँ जैसे की तुलसी, अजमोद, अजवायन ,पत्ता गोभी ,नींबू ,गोभी ,टमाटर जैसे सब्जियों में पाया जाता है। विटामिन- c खट्टे फलो में संतरा , अंगूर ,पपीता ,कीवी ,अमरूद ,आमला जैसे फलो में पाया जाता है।
विटामिन D

Vitamin – d की मदद से सुदृढ़ अस्थियोंऔर माँसपेशियों में कमजोरी से बचने के लिये अति आवश्यक है। Vitamins d हृदयरोगों से बचने के लिए भी बहोत आवश्यक है। Vitamin – d पाने के लिए आप धूप में रहे या फिर अपने कई काम करें और दूध, नारंगी अवं सोयाबीन का भी सेवन करें सकते है।
विटामिन D के फायदे :
- Vitamin – d हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है और हड्डी के फ्रैक्चर होने से रोकता है । Vitamins- d हड्डियों में कैल्शियम अवशोषण को अवशोषित करने में सहायता करता है।
- Vitamin – d थकान और नियमित सिरदर्द को दूर करने में सहायता करता है Vitamin – d की कमी से नियमित सिरदर्द और थकान महसूस होती है।
- Vitamin – d विशेष रूप से मधुमेह के बीमारियों में घाव भरने में सुधार करने में सहायता कर सकता है। Vitamins- d की कमी से उपचार क्रिया में देरी हो सकती है।
- Vitamin – d की कमी से कमर दर्द भी होता है।
- Vitamin – d मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायता करता है।
विटामिन D की कमी से कोनसी बीमारिया होती है :
- Vitamin – D की कमी से रिकेट्स और ऑस्टियोमलेशिया जैसे रोग हो सकते हैं।
विटामिन D की कमी के लक्षण :
- Vitamin – D की कमी से रिकेट्स हो सकते हैं। रिकेट्स एक ऐसी स्थिति है जब बच्चों के पैरों का झुकना होता है। Vitamins D की कमी से पैर कमजोर हो सकते हैं। ठीक से चलने में असमर्थ और संतुलन भी असमर्थ हो जाता हैं।
- Vitamin – D की कमी से हाइपोकैल्सीमिया भी हो सकता है जिसका अर्थ होता है की कम कैल्शियम जो दौरे और टेटनी की ओर ले जाता है।
- Vitamin – D की कमी की वजह से बच्चों में ऑटोइम्यून बीमारिया ज्यादा दिखाई देती है।
विटामिन- e
विटामिन e धमनियों और शिराओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ रक्त में नुकसान कारक पदार्थों को दूर करने में यह Vitamin जरुरी है। Vitamin – e वायु-प्रदूषण और धूम्रपान के नुकसान कारक प्रभावों को कम करने में भी सहाय करता है। Vitamin – e सूर्यमुखी के बीजों में , अखरोट, पालक, टमाटर में मिल जाता है
विटामिन- e के फायदे :
- Vitamin- e बुढ़ापे में एंटीऑक्सीडेंट को उम्र बढ़ने में लेट करने में सहायता करता है।
- Vitamin- e साफ़ चेहरा उम्र बढ़ने में देरी करता है और झुर्रियों को कम करता है और त्वचा में चमक लाता है क्योंकि Vitamin – e शरीर और त्वचा में हानिकारक कोशिकाओं को मुक्त कणों को रोकता है। Vitamin – e त्वचा की क्षति को रोकने में भी सहायता करता है।
- Vitamin- e कोशिका प्रसार को रोकने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में सहायक बनता है।
- Vitamin – e इम्युनिटी को बढ़ाने में सहायक रहता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी पाया जाता है।
- Vitamin- e मोतियाबिंद को कम करने में सहायता करता है
- Vitamin- e विभिन्न मुश्केलियो को कंट्रोल करने में सहायता करता है।
- विटामिन- e की कमी से कोन सी बीमारिया होती है :
- Vitamin- e की कमी से शरीर की जनन् शक्ति कम होने की संभावना रहती है।
- Vitamin – e कोन से फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- Vitamin – e हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक , शलजम ,सरसों का साग ,शतावरी ,ब्रोकोली जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
- Vitamin – e कीवी ,जामुन ,ब्लूबेरी, शहतूत, क्रैनबेरी , आड़ू , अमरूद , आम जैसे फलो में पाया जाता है।
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विटामिन- k
Vitamin – k हड्डियों और हृदय के कार्य सुचारु रखने सहित चोट लगने पर अत्यधिक रक्तस्राव न हो जाये इसके लिये रक्तस्कन्द जमाने के लिए आवश्यक बन जाता है। यह दुग्धोत्पादों अवं पालक में मिल जाता है।
विटामिन K के फायदे :
- Vitamin – K ऑस्टियोपोरोसिस , Vitamin – K पोस्टमेनोपॉज़ल स्त्रीओ में फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में सहायता करता है। Vitamin K हड्डियों के नुकसान को कम करने में सहायता करता है।
- एंटीकोआगुलेंट यह एक एंटीकायगुलेंट के रूप मेंप्रक्रिया करता है। यह Vitamin रक्तस्राव को रोकने में सहायता करता है।
- Vitamin – K हृदय स्वास्थ्य बनाए रखता है। Vitamin – K धमनी कैल्सीफिकेशन को रोकने में सहायता करता है और इस प्रकार रक्तचाप को बनाए रखने में सहायता करता है।
- Vitamin – K वयस्कों में मेमोरी को बेहतर बनाने में सहायता करता है।
विटामिन K कोनसे फल और सब्जियों में पाया जाता है :
- Vitamin – K गोभी ,पालक ,ब्रोकोली ,अजमोद ,पत्ता गोभी ,टमाटर ,सलाद,भिन्डी जैसी सब्जियों में पाया जाता है।
- Vitamin – K एवोकाडो ,कीवी ,जामुन , ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी , अनार , अंगूरजैसी फलो में पाया जाता है।
विटामिन की कमी के कारण – Due to vitamin deficiency
1. पसन्द और नापसंद की आदतें :
कई लोगो की पसंद और नापसंद में कई चीजे होती है इसमें तोरई, गिल्की, रोंसा फली, कटहल, सेम, चैलाई, पालक और धनिया इत्यादि सब्जी-भाजियों में कई चीजों को खाने में लोग अनिच्छा का भाव रखते हैं जिस के कारण इनमें से मिलने वाले ज्यादा मात्रा में पाये जाने वाले पोषकों से वंचित रहते हैं। आपको यदि भोजन का स्वाद पसंद न हो तो किसी अन्य तरीके से या फिर अन्य प्रकार से उसकी सब्जी बनयें।
चुकंदर का इस्तेमाल ज्यादा और अधिक मात्रा में होता है परन्तु इसमें जो मीठापन कम हो तो लोग को यह पसन्द नहीं आता. और स्वाद बढ़ाने के लिये चुकंदर को चिप्स बनाकर फलकों में छोटे-छोटे टुकड़े पर मध्य अचार लगाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
2.खाने में सर्व-समावेश का अभाव :
अनेक पोषक तत्व दूसरे पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायक होते हैं और अन्य पोषक तत्व बोडी में अपने आप बनते हैं परन्तु उन्हें बाहर से अन्य पोषक तत्वो की जरुरत होती है. खाने में सर्व तत्वों का समावेश होना आवश्यक बन जाता है कि खाने में विविध पोषकों तत्वों की एक साथ उपलब्धता होनी चाहिए। जैसे कि अनेक प्रकार की सब्जिया कई तरह से बनायी मिश्रित सब्जियाँ, दालों
और सागों को मिक्स करके बनायी गयी सब्जियाँ, विभिन्न अनाजों के मिश्रण से तैयार खिचड़ी के साथ-साथ में सलाद का भी सेवन किया जाता है । खाना बनाने के तैलों को भी महीने या फिर पाक्षिक समय पर बदल कर इस्तेमाल करें।
3. ज्यादा देर तक पकानाया प्रोसेस करना :
ज्यादा समय तक तलने-भूनने के अलावा से अनेक पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं एवं डिब्बाबंद प्रोसेस्ड और फ़ास्ट फ़ूड्स में भी पोषक तत्वों की बहुत कमी रहती है। जिससे खाने से तो पेट भर जाता है किन्तु स्वास्थ्य को कोई फायदा नहीं होता। इस प्रकार शरीर को अलग-अलग के Vitamins और खनिजों से वंचित रहता है।
अन्य सावधानियों को देखते हुए अन्न और ताजी सब्जियों का सेवन करना बेहतर रहता है और वर्तमान समय में अन्य स्थानों पर सुलभ कराये जाने वाले जवारे, एलोवेरा का रस, अंकुरित अनाज के पैकेट्स और अन्य इत्यादि का भी समावेश हररोज किया जाये तो सबसे अच्छा रहेगा। परन्तु रेशे सहित भी खायें क्योंकि रेशो में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो दूसरे अन्य रसों से नहीं पाए जाते ।
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Questions
Q. विटामिन का क्या कार्य है?
A: कार्य – ये ऊर्जा उत्पन्न करे और साथ प्रोटीन और कोशिकाओ को बनना और कोलाजन के निर्माण में सहायक है फैट सोलुबल ये वो विटामिंस होते है जो शरीर के फैट में घुल जाते हैं और शरीर के फैट टिशूज में स्टोर रहते है। जैसे विटामिन ए, डी,ई ,के जैसे होते है।
Q. कितना विटामिन बी 12 होना चाहिए?
A: आम तौर पर, शरीर में एक स्वस्थ व्यक्ति का अनुपात 400-500 पीसी / एमएल होना चाहिए। यदि शरीर में मात्रा कम है, तो व्यक्ति को एक गोली या इंजेक्शन दिया जाता है जिसे मिथाइल कोबालिन कहा जाता है।
Q. विटामिन कैसे बनते हैं?
A: जब हमारी त्वचा धूप के संपर्क में आती है, तो विटामिन डी कोलेस्ट्रॉल द्वारा निर्मित होता है। सूर्य के प्रकाश से पराबैंगनी बी किरणें त्वचा की कोशिकाओं में जाती हैं और कोलेस्ट्रॉल नामक पदार्थ से टकराती हैं, जिससे शरीर विटामिन डी का संश्लेषण और प्रक्रिया करता है।